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शुक्रवार, दिसंबर 7

गूँज शहनाई की...


                                                  
पुरवाइ   संदेश  लाई, 
   उपवन   महका, 
सूरज ने किरनें  बरसाई  ,
खग  ने  मीठी  राग  सुनाई,  
गूँज  उठी   मीठी   शहनाई ,

पीली  हल्दी ,  चमके  कंगना, 
लाल   चुनरियाँ,  सुर्ख   जोड़ा,  
सिंदूरी   मंद -मंद  मुस्काई 
सप्त   फेरों  की  रस्म  निभाई, 
रिश्तों   का  गंठबंधन  सुहाना,
अश्रु   से  भीगी   खुशियाँ, 
पुरवाई   संदेश     लाई ,
गूँज   उठी   मीठी   शहनाई, 


तङपता  ह्रदय , बेचैन  आँखें, 
माँ  के  मन  से  झलके  अश्रु , 
पिता   के  ह्रदय  ने  बात  बताई , 
    जग  ने  ऐसी  रीत  बनाई ,
चिड़ियाँ   मेरी   हुई   पराई ,
गूँज   रही   मीठी  शहनाई  ,

आँगन,  पीपल,  खेल,   खिलौने , 
सजें  द्वार  पर  आम  के   पात, 
विदा   गीत  अब  गाते  है, 
पुरवाई    संदेश    लाई, 
गूँज   रही    मीठी   शहनाई  ,

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