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रविवार, जून 9

दृश्य अटारी बॉर्डर का



मूल्य   शाश्वत  जीवन   का,
इन  आँखों  ने आज  बताया,
अटारी   बॉर्डर  पर  देख  शौर्य  बहनों   का,  
गुरूर  से  धड़कता  सीना, 
देश   प्रेम  का  सच्चा  अर्थ  समझ   आया |


जज़्बा -ए -जूनून, देख  क़दमों  की ललकार,
स्मरण  रानी लक्ष्मी  बाई  का  हो आया,
रग-रग  में  दौड़ता  देश  प्रेम,  हाथों  में  उठी  तलवार, 
दृश्य  वह  रण  सा  आँखों   में   उभर  आया |


कण - कण  में   गूँज  शौर्य  की , 
साहस से सराबोर सरहद, नज़ारा राज पथ का  उभर आया, 
छ: फिट उठे  क़दम, क़दमों की ललकार, हाथ  के पँजे  में शिकार , 
दुश्मन  का  कलेजा  धराशाही  नज़र आया |


आँखों  में   तेज़,  दहाड़  शेर -ए -हिंद  की, 
बौखलाहट में पाकिस्तान , दौड़ता नज़र आया, 
सीमा  के  प्रखर  प्रहरी  सैनिकों  का  उत्साह,
आसमां  की  बुंलदियों  को  छूता  नज़र  आया |

- अनीता सैनी

34 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खूबसूरत रचना

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  2. वाह्ह्ह्ह... बहुत सुंदर रचना अनु👌...बाघा बार्डर पर होने वाले प्रदर्शन मन में अनोखा जज़्बा जगा जाते हैं कोई शक नहीं।

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    1. तहे दिल से आभार प्रिय श्वेता दी जी
      सादर

      हटाएं
  3. बहुत ही उम्दा रचना मैम। वीरोंं की शान में लिखी यह रचना नमनीय है।

    जवाब देंहटाएं
  4. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (11-06-2019) को "राह दिखाये कौन" (चर्चा अंक- 3363) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए
      प्रणाम
      सादर

      हटाएं
  5. बहुत सुन्दर रचना प्रिय अनीता जी👌👌

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    1. तहे दिल से आभार प्रिय मीना दी जी
      सादर

      हटाएं
  6. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार जून 11, 2019 को साझा की गई है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. सहृदय आभार आदरणीया यशोदा दी जी चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए
      प्रणाम
      सादर

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  7. वाह सच में जज्बा ए जनून देख कदमों की ललकार
    स्मरण रानी लक्ष्मी बाई का हो आया
    रग-रग में दौड़ता देश प्रेम हाथों में उठी तलवार
    बाघा बार्डर और वीर सैनिकों के शौर्य को देख दिल में सम्मान के भाव सवतः ही प्रकट हो जाते हैं सुन्दर प्रस्तुति अनीता जी

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    1. तहे दिल से आभार प्रिय रितु दी जी
      प्रणाम
      सादर

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  8. वाह!!प्रिय सखी ,बहुत खूब!👌

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    1. तहे दिल से आभार प्रिय शुभा दी जी
      सादर स्नेह

      हटाएं
  9. वाहहहहहहहहहहहहक्षहक्षक्षहक्ष ह क्या कहने है

    जवाब देंहटाएं
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    1. सहृदय आभार आदरणीय उत्साहवर्धन टिप्णी के लिए
      प्रणाम
      सादर

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  10. जज़्बा -ए -जूनून, देख क़दमों की ललकार,
    स्मरण रानी लक्ष्मी बाई का, हो आया,
    रग-रग में दौड़ता देश प्रेम, हाथों में उठी तलवार,
    दृश्य वह रण सा, आँखों में उभर आया |

    बहुत सुंदर वीर रस से भरपूर लाजबाब रचना ,देश की उन वीर बेटियों को सत सत नमन

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    1. तहे दिल से आभार प्रिय कामिनी दी जी
      सादर स्नेह

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  11. वाह बेहतरीन..वीरों की शान में लिखी शानदार रचना सखी

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    1. सहृदय आभार प्रिय अनुराधा दी जी
      सादर स्नेह

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  12. वा...व्व...बहुत बढ़िया रचना,अनिता दी।

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    उत्तर
    1. सस्नेह आभार प्रिय ज्योति बहन
      सादर स्नेह

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  13. "आँखों में तेज़, दहाड़ शेर -ए -हिंद की,
    बौखलाहट में पाकिस्तान , दौड़ता नज़र आया,
    सीमा के प्रखर प्रहरी सैनिकों का उत्साह,
    आसमां की बुंलदियों को छूता नज़र आया"
    --
    ओजस्वी रचना।

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    उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय उत्साहवर्धन समीक्षा हेतु
      प्रणाम
      सादर

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  14. वाह सच में जज्बा ए जनून देख कदमों की ललकार
    स्मरण रानी लक्ष्मी बाई का हो आया
    रग-रग में दौड़ता देश प्रेम हाथों में उठी तलवार
    सुंदर प्रस्तुति अनीता जी

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    1. तहे दिल से आभार आदरणीय भास्कर भाई |ब्लॉग पर आते रहे |सादर स्नेह

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  15. राष्ट्रीय भावना से अभिप्रेरित, अनुपम औ अद्वितीय भावाभिव्यक्ति सुखद औ सराहनीय अविस्मरणीय औ अभिनंदनीय है।
    अति उत्कृष्ट चिंतन चित्रण निमित्त सादर साधुवाद।
    जय हिंद वंदेमातरम्।

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  16. प्रिय अनिता -- अटारी बॉर्डर पर जांबाज सैनिकों के साथ लक्ष्मीबाई सरुपा वीरांगनाओं के देश के सम्मान में उठते कदम समस्त राष्ट्र के लिए गौरव का विषय हैं जो जनमानस में देश भक्ति के जज्बे को भर गर्व की अनुभूति करवाते हैं | अत्यंत सराहनीय रचना जिसके लिए आभार | सस्नेह --

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    1. सस्नेह आभार प्रिय रेणु दी जी
      सादर स्नेह

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