गूँगी गुड़िया
अनीता सैनी
गुरुवार, 10 मई 2018
तासीर
सिमटना ,सिसकना फ़ितरत बना देती
मोहब्बत तासीर है ,अल्फाज़ भुला देती
- अनीता सैनी
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