गूँगी गुड़िया
अनीता सैनी
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शुक्रवार, 6 जुलाई 2018
सफ़र
कभी हमारी मुलाक़ात होगी
अनजानी अनचाही होगी
ज़िंदगी की एक नई शुरुवात होगी
दर्द-ए-ग़म कम न होगें
फिर भी खुशियाँ कम न होंगीं
अब मैं, मैं नहीं हम होगें
-अनीता सैनी
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