शहादत को सलाम

ग़मों से तिलमिलाती ज़िंदगियाँ , कभी ग़मों से मिल कर देखिये
पिता के प्यार से महरुम बच्चे , जवानों के परिवार में देखिये
मिट्टी में ख़ुशबू , हवाओं में अपनापन तलाशकर देखिये ,
मुहब्बत आज भी पनपती , जवानों से मुहब्बत करके देखिये।
मोहब्बत लुटाकर, लुटा देते ज़िंदगी, ज़माने में ऐसे मेहमान देखिय
ज़िंदा रहते हुए, फिर कभी न मिलने का एहसास देखिये।
गुरुर में हिलोरे मार रहा मन , क़दमों का जुनून देखिये,
रग-रग में दौड़ता देशप्रेम, वर्दी को छूकर देखिये।
ठंड की ठिठुरन , गर्मी की तपन, प्रकृति का ऐसा रुप देखिये,
कैसे होती वतन की हिफ़ाज़त जवानों की आँखों में झाँककर देखिये
मुहब्बत का फ़लसफ़ा ,शहीद की तड़पती रुह से पूछिये,
आँखों में गुज़री रात , ज़िंदगी का हसींन मंज़र देखिये।
# अनीता सैनी
वाहः
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा
सह्रदय आभार आदरणीय लोकेश जी
हटाएंसादर
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जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा गुरुवार (06-02-2020) को 'बेटियां पथरीले रास्तों की दुर्वा "(चर्चा अंक - 3603) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
…
रेणु बाला
कैसे होती वतन की हिफ़ाज़त जवानों की आँखों में झाँककर देखिये
जवाब देंहटाएंवाह!!!
बेहद लाजवाब सृजन
आदरणीया मैम हम तो निःशब्द हो गए। अब क्या कहें बस नमन कर सकते हैं। कोटिशः नमन। सादर प्रणाम 🙏
जवाब देंहटाएंमुहब्बत का फ़लसफ़ा ,शहीद की तड़पती रुह से पूछिये,
जवाब देंहटाएंआँखों में गुज़री रात , ज़िंदगी का हसींन मंज़र देखिये।
गजब मतलब गजब
एक सैनिक के जीवन का हर पहलू खोल दिया छोटी सी रचना में,
हृदय को छू गई एक एक पंक्ति।
अनुपम।
सैनिक-जीवन से जुड़े कोमल जज़्बात पेश करती रचना जो जनता से सरल शब्दावली में संवाद करती नज़र आती है.
जवाब देंहटाएंसैनिकों को सादर नमन.
Nishabd
जवाब देंहटाएंKheti Kare