हे ! मानव
पश्चिमी पथ का
कर परित्याग,
दिखावा प्रगति का
वह प्रलय की पुकार !
हनन मानवीय मूल्यों का
हारती इंसानियत,
हर तरफ़ हाहाकार
उजड़ता हसरतों का बाज़ार |
तृष्णा के तेज़ से बढ़े
तन की तपिश
देख तड़पता अंतरमन !
घनघोर भँवर में उलझा मानव
सुने त्राहि-त्राहि की पुकार !
वर्तमान का विनाशी चेहरा
प्रतिपल भविष्य पर प्रहार,
देख कोयल के कोमल कंठ करें
करुण क्रंदन की बौछार |
- अनीता सैनी
भौतिकता और प्राकृतिक असंतुलन आज सामाजिक मूल्यों का ह्रास कर रहे हैं.
जवाब देंहटाएंसटीक चिंतन.
सहृदय आभार आदरणीय
हटाएंसादर
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (26-06-2019) को "करो पश्चिमी पथ का त्याग" (चर्चा अंक- 3378) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सहृदय आभार आदरणीय चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए
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सादर
तृष्णा के तेज़ से बढ़े
जवाब देंहटाएंतन की तपिश
देख तड़पता अंतर्मन !
घनघोर भँवर में उलझता मानव
सुने त्राहि-त्राहि की पुकार ! सुंदर और सटीक रचना सखी
सस्नेह आभार सखी
हटाएंसादर
वाह!प्रिय सखी ,बहुत खूब!!
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार प्रिय सखी
हटाएंसादर
वर्तमान का विनाशी चेहरा
जवाब देंहटाएंप्रतिपल भविष्य पर प्रहार,
देख कोयल के कोमल कंठ करें
करुण क्रंदन की बौछार |
सार्थक चितन भरी रचना प्रिय अनीता |अनुप्रास की छटा प्रभावी है | हार्दिक शुभकामनायें और बधाई |
तहे दिल से आभार प्रिय रेणु दी
हटाएंसादर स्नेह
वर्तमान को साक्षात करती रचना,अति सुन्दर।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंआप का ब्लॉग पर स्वागत है
प्रणाम
सादर
बहुत सुंदर ,यथार्थ रचना
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिय कामिनी दी जी
हटाएंसादर
यथार्थ को इंगित करती उत्कृष्ट रचना
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार दी जी
हटाएंप्रणाम
वाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार दी जी
हटाएंशुप्रभात
सादर
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंतहे दिल से आभार आप का
हटाएंसादर
आधुनिकता और स्वतंत्रता पाने की अंधी दौड़ में मानव का कितना पतन कम शब्दों में बहुत सटीक संदेश देती रचना
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार दी जी
हटाएंप्रणाम
सादर
आधुनिकता और पाश्चात्य सभ्यता की अंधी दौड़ में मानव का कितना पतन। कम शब्दों में बहुत सटीक संदेश देती रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया दी जी
हटाएंप्रणाम