tag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post679312719699383501..comments2024-03-12T22:12:22.923+05:30Comments on गूँगी गुड़िया : मुख पर वो मुस्कान कैसे लाऊं ? अनीता सैनी http://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-35158578505590735042019-11-26T08:24:08.726+05:302019-11-26T08:24:08.726+05:30बहुत बहुत शुक्रिया
सादर बहुत बहुत शुक्रिया <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-39119592665234467592019-11-23T12:33:48.463+05:302019-11-23T12:33:48.463+05:30स्वार्थ के लबादे में लिपटा है इंसान,
जगा सकूँ इंसा...स्वार्थ के लबादे में लिपटा है इंसान,<br />जगा सकूँ इंसानियत को वो परवाज़ कहाँ से लाऊँ ?<br />..... प्रभावशाली अभिव्यक्ति !!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-80751956128557552872019-11-22T21:34:47.264+05:302019-11-22T21:34:47.264+05:30सस्नेह आभार आपका
सादर सस्नेह आभार आपका <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-54384315117858411692019-11-20T08:47:31.043+05:302019-11-20T08:47:31.043+05:30 सुन्दर सामयिक प्रस्तुति सुन्दर सामयिक प्रस्तुतिRitu asooja rishikesh https://www.blogger.com/profile/07490709994284837334noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-81483121744127529872019-11-16T12:17:23.435+05:302019-11-16T12:17:23.435+05:30असमान व्यवस्थाएँ , अराजक मांनसिकता के साथ
, जीवन ...असमान व्यवस्थाएँ , अराजक मांनसिकता के साथ <br />, जीवन मूल्यों का क्षरण जब कवि मन को विचलित करता है, तो ऐसी रचना का सृजन स्वतः ही हो जाता है । कवि शब्दों के माध्यम से उस लिख तो सकता है , पर इस भेदभाव को मिटा नहीं सकता। मन के क्षोभ को व्यक्त करती मार्मिक रचना प्रिय अनीता।<br />हार्दिक बधाई। 💐💐💐💐😇•रेणुhttps://www.blogger.com/profile/06997620258324629635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-42986945794497161852019-11-16T12:15:14.164+05:302019-11-16T12:15:14.164+05:30असमान व्यवस्थाएँ , अराजक मांनसिकता के था जीवन ...असमान व्यवस्थाएँ , अराजक मांनसिकता के था जीवन मूल्यों का क्षरण जब कवि मन को विचलित करता है, तो ऐसी रचना का सृजन स्वतः ही हो जाता है । कवि शब्दों के माध्यम से उस लिख तो सकता है , पर इस भेदभाव को मिटा नहीं सकता। मन के क्षोभ को व्यक्त करती मार्मिक रचना प्रिय अनीता। <br />हार्दिक बधाई। 💐💐💐💐😇•रेणुhttps://www.blogger.com/profile/06997620258324629635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-30335138357526801252019-11-13T20:14:59.822+05:302019-11-13T20:14:59.822+05:30बहुत-बहुत आभार आदरणीय प्रकाश जी सुंदर प्रतिक्रिया ...बहुत-बहुत आभार आदरणीय प्रकाश जी सुंदर प्रतिक्रिया के साथ हौसला बढ़ाने के लिये।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-20452443194116986902019-11-13T20:07:36.541+05:302019-11-13T20:07:36.541+05:30सादर आभार आदरणीया शुभा दीदी जी रचना पर ख़ूबसरत प्र...सादर आभार आदरणीया शुभा दीदी जी रचना पर ख़ूबसरत प्रतिक्रिया के साथ उत्साह बढ़ाने के लिये।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-9507106810943664372019-11-13T20:03:22.646+05:302019-11-13T20:03:22.646+05:30सादर आभार आदरणीया मीना दीदी जी मेरी रचना को परवाज़...सादर आभार आदरणीया मीना दीदी जी मेरी रचना को परवाज़ देने के लिये और मनोबल बढ़ाने के लिये। आपका स्नेह और साथ यों ही बना रहे।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-37452162493095380622019-11-13T19:59:14.109+05:302019-11-13T19:59:14.109+05:30सादर आभार आदरणीय सर इतनी ख़ूबसूरत प्रतिक्रिया के स...सादर आभार आदरणीय सर इतनी ख़ूबसूरत प्रतिक्रिया के साथ कविता की सार्थकता को स्पष्ट करने के लिये और उत्साहवर्धन करने के लिये।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-69890303612002804092019-11-13T19:53:01.010+05:302019-11-13T19:53:01.010+05:30सादर आभार आदरणीय शशि भाई मेरी रचना पर एक विस्तृत ट...सादर आभार आदरणीय शशि भाई मेरी रचना पर एक विस्तृत टिप्पणी के साथ उत्साहवर्धन करने के लिये।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-12926578785461481192019-11-13T19:50:28.226+05:302019-11-13T19:50:28.226+05:30सस्नेह आभार प्रिय श्वेता दी मेरी रचना को मंच प्रदा...सस्नेह आभार प्रिय श्वेता दी मेरी रचना को मंच प्रदान करने हेतु. <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-28485160414670688932019-11-13T19:49:14.788+05:302019-11-13T19:49:14.788+05:30बहुत बहुत शुक्रिया आप का सर
सादर बहुत बहुत शुक्रिया आप का सर <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-78287426408822905462019-11-13T19:48:49.457+05:302019-11-13T19:48:49.457+05:30सादर आभार आदरणीय सर मेरी रचना पर सारगर्भित प्रतिक्...सादर आभार आदरणीय सर मेरी रचना पर सारगर्भित प्रतिक्रिया के साथ मर्म स्पष्ट करने के लिये। आपकी प्रतिक्रिया ने रचना का मान बढ़ाया है।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-45337006133770209092019-11-13T19:43:10.825+05:302019-11-13T19:43:10.825+05:30सहृदय आभार आदरणीय चर्चामंच पर मुझे स्थान देने के ल...सहृदय आभार आदरणीय चर्चामंच पर मुझे स्थान देने के लिये.<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-21599466479108813112019-11-13T16:42:19.074+05:302019-11-13T16:42:19.074+05:30वाह!!सखी ,बहुत ही धारदार प्रस्तुति ।आपकी प्रतिभा क...वाह!!सखी ,बहुत ही धारदार प्रस्तुति ।आपकी प्रतिभा को नमन🙏🏼शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-70652586148804366682019-11-13T15:47:27.988+05:302019-11-13T15:47:27.988+05:30समझा पाऊँ शोषण की परिभाषा,
ऐसा तर्क कहाँ से लाऊ...समझा पाऊँ शोषण की परिभाषा, <br />ऐसा तर्क कहाँ से लाऊँ ? <br />स्वार्थ के लबादे में लिपटा है इंसान, <br />जगा सकूँ इंसानियत को वो परवाज़ कहाँ से लाऊँ ? <br />सशक्त लेखन के आगे निशब्द हूँ । प्रभावशाली अभिव्यक्ति ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-69792229908218901722019-11-13T13:51:57.631+05:302019-11-13T13:51:57.631+05:30वाह! सामयिक मुद्दों पर धारदार कटाक्ष और तल्खियों क...वाह! सामयिक मुद्दों पर धारदार कटाक्ष और तल्खियों के साथ प्रभावशाली अभिव्यक्ति।<br />कविता वही उत्तम है जो विस्फोट करती हुई संवेदना को झिझोड़ती हुई मंथन के आयाम विकसित करने में सफल हो।<br />सिसकती, सिहरती बालाओं के मुख पर मुस्कान लाने के लिये ज़रूरी है उन्हें समायानुकुल सक्षम बनाया जाना।<br />बहुत सुंदर भावपूर्ण विचारोत्तेजक सृजन।<br />बधाई एवं शुभकामनाएं।<br />लिखते रहिए।Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-1853935272742881902019-11-13T07:21:19.711+05:302019-11-13T07:21:19.711+05:30कविता सृजन की आवाज़ है चिरकाल तक जले,
कवि हृदय म...कविता सृजन की आवाज़ है चिरकाल तक जले, <br /><br />कवि हृदय में वो अगन कैसे लजाऊँ ?<br /><br /> सुंदर, संवेदनशील एवं भावपूर्ण रचना...<br /><br /> जब निश्छल , निष्पक्ष , संवेदना एवं वेदना भरी अनुभूतियाँ कवि - हृदय में अगन बन प्रज्वलित होती हैं , तब वह स्वयं जल कर जनमानस का पथ प्रदर्शन करती हैं। चिरकाल तक ऐसी रचनाओं को लोग याद रखते हैं।<br /> प्रणाम अनीता बहन। <br />व्याकुल पथिकhttps://www.blogger.com/profile/16185111518269961224noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-55154419298518531582019-11-12T17:10:42.707+05:302019-11-12T17:10:42.707+05:30जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखर...जी नमस्ते,<br /><i><b> आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 12 नवंबर 2019 को साझा की गई है.........<a href="https://mannkepaankhi.blogspot.com/" rel="nofollow"> "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>,<br />Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-82939422571952134212019-11-12T16:56:06.274+05:302019-11-12T16:56:06.274+05:30बहुत ही शानदारबहुत ही शानदारLokesh Nashinehttps://www.blogger.com/profile/10305100051852831580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-16165319797395231712019-11-12T14:27:01.890+05:302019-11-12T14:27:01.890+05:30बहुत ही प्रभावशाली पंक्ति-
"समझा पाऊँ शोषण क...बहुत ही प्रभावशाली पंक्ति-<br /><br />"समझा पाऊँ शोषण की परिभाषा, <br />ऐसा तर्क कहाँ से लाऊँ ? <br />स्वार्थ के लबादे में लिपटा है इंसान, <br />जगा सकूँ इंसानियत को वो परवाज़ कहाँ से लाऊँ ?"Prakash Sahhttps://www.blogger.com/profile/04882608306436611902noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-34236083244925344332019-11-12T09:23:29.623+05:302019-11-12T09:23:29.623+05:30बहुत खूब ...
मन के गहरे जज्बात/छुब्धता को शब्द देन...बहुत खूब ...<br />मन के गहरे जज्बात/छुब्धता को शब्द देने का सार्थक प्रयास है ये राचना ... समाज का आइना उतारा है ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-87224816029579000342019-11-12T06:44:41.192+05:302019-11-12T06:44:41.192+05:30आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (13-11-2019)...आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (13-11-2019) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "गठबन्धन की नाव" (चर्चा अंक- 3518) </a> पर भी होगी। <br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। <br /> --<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' <br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com