tag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post8677447276029879905..comments2024-03-12T22:12:22.923+05:30Comments on गूँगी गुड़िया : तुम देख रहे हो साहेब अनीता सैनी http://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-11542962329389166172022-04-04T03:28:53.112+05:302022-04-04T03:28:53.112+05:30Harrah's Cherokee Casino & Hotel - MapYRO
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सादर तहे दिल से आभार आप बहना <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-21886342561160502252019-11-02T18:50:55.381+05:302019-11-02T18:50:55.381+05:30बिखर रहा है
बंधुत्व का
स्वप्न
झुलस रहा है
हिंद...बिखर रहा है <br />बंधुत्व का <br />स्वप्न <br />झुलस रहा है <br />हिंद के दामन में <br />प्रेम <br />प्रकृति को रौंद रहे हैं <br />दिन दहाड़े <br />पग-पग पर हो रहा है<br /> भावनाओं का <br />क़त्ल-ए-आम बहुत सुंदर और सटीक प्रस्तुति सखीAnuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-21808324687598678752019-11-01T17:57:01.110+05:302019-11-01T17:57:01.110+05:30सादर आभार आपका आदरणीया मीना दी सारगर्भित प्रतिक्रि...सादर आभार आपका आदरणीया मीना दी सारगर्भित प्रतिक्रिया जो मेरे लेखन की दिशाबोध को स्पष्ट करती है। आपका साथ पाकर किसी भी ब्लॉगर को आत्मिक ख़ुशी मिलती है।<br />सादर स्नेह अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-1551329681954950302019-11-01T17:53:26.532+05:302019-11-01T17:53:26.532+05:30सादर आभार आपका आदरणीया सुधा दी जी. रचना पर चार चां...सादर आभार आपका आदरणीया सुधा दी जी. रचना पर चार चांद लगाती मनमोहक प्रतिक्रिया के लिये। आपका सानिध्य बना रहे।<br />सादर स्नेह अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-19651298045542256992019-11-01T17:51:24.913+05:302019-11-01T17:51:24.913+05:30ढेर सारा सस्नेह आभार प्रिय अनु। आपकी विस्तृत सारगर...ढेर सारा सस्नेह आभार प्रिय अनु। आपकी विस्तृत सारगर्भित व्याख्यात्मक टिप्पणी ने रचना का मर्म स्पष्ट किया है। आपकी प्रशंसा के लिये शब्द थोड़े हैं।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-33968555951201015902019-11-01T17:44:59.662+05:302019-11-01T17:44:59.662+05:30बहुत-बहुत आभार आदरणीया कामिनी जी रचना पर सारगर्भित...बहुत-बहुत आभार आदरणीया कामिनी जी रचना पर सारगर्भित प्रतिक्रिया के लिये।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-60387967963183427162019-11-01T17:41:52.645+05:302019-11-01T17:41:52.645+05:30सादर आभार आपका आदरणीया कुसुम दी जी.आत्मबल बढ़ाने व...सादर आभार आपका आदरणीया कुसुम दी जी.आत्मबल बढ़ाने वाली मोहक प्रतिक्रिया के लिये।<br />आपका स्नेह और आशीर्वाद मेरे साथ बना रहे। आपकी टिप्पणी रचना का मान बढ़ाने में सहायक है।अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-77745353272794003702019-11-01T17:36:05.041+05:302019-11-01T17:36:05.041+05:30सस्नेह आभार प्रिय अनु चर्चामंच पर स्थान देने हेतु....सस्नेह आभार प्रिय अनु चर्चामंच पर स्थान देने हेतु. <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-20050261063405493832019-11-01T17:32:34.894+05:302019-11-01T17:32:34.894+05:30सहृदय आभार आदरणीय पांच लिंकों के आनंद में स्थान दे...सहृदय आभार आदरणीय पांच लिंकों के आनंद में स्थान देने हेतु. <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-63085627507120203232019-11-01T15:08:04.088+05:302019-11-01T15:08:04.088+05:30राजनैतिक और सामाजिक क्षेत्र में जो विध्वंसक परिवर्...राजनैतिक और सामाजिक क्षेत्र में जो विध्वंसक परिवर्तन परिलक्षित हो रहे हैं वो सचमुच चिंताजनक है हर प्रबुद्ध रचनाकार इन संवेदनशील दुष्परिणामों से आहत हैं ,और चाहता है अपनी लेखनी से चेतना जगाए।<br />आपकी कलम सदा ऐसे विषयों पर बहुत आत्म बल से चलती है <br />और आप के शब्दों की गहनता आपके कोमल आहत मन को साकार उकेर देती है।<br />बहुत गहन और संवेदनाओं का हस्ताक्षर हैं ये रचना।<br />वाह्ह्ह्ह्ह्मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-39211814225070914532019-11-01T13:19:35.249+05:302019-11-01T13:19:35.249+05:30गंभीर विषय -वस्तु ,साहेब को तो जगाना ही होगा ,चिंन...गंभीर विषय -वस्तु ,साहेब को तो जगाना ही होगा ,चिंन्तनपरक रचना ,लाजबाब अनीता जी ,सादर स्नेह Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-27203040369646241172019-11-01T13:12:38.911+05:302019-11-01T13:12:38.911+05:30 एक संवेदनशील कवि अपने आसपास हो रहे सामाजिक उथल-पु... एक संवेदनशील कवि अपने आसपास हो रहे सामाजिक उथल-पुथल को एवं राजनीतिकप्रद कटु चालो से प्रभावित आम इंसान की व्यथा को बखूबी समझ सकता है ..!!...आपकी रचना धर्मिता ने प्राकृतिक एवं समाजिक दोनों में हो रहे ह्रास को सम्मिलित रूप से इस रचना के द्वारा प्रस्तुत किया.. वर्तमान परिपेक्ष में परिस्थितियां ऐसी बनती जा रही है कि हमारी संवेदनाएं स्वार्थपरक लोगों के द्वारा कुचली जा रही है.. रचना में निहित भाव स्वत: बता रहे कि एक कवि क्या महसूस करता है भाषा प्रवाह में दर्द है निराशा है तो कहीं क्रोध ,उत्तेजना भी है कि हम ऐसे क्यों बनते जा रहे हैं .. बहुत ही अच्छा लिखा आपने विचारों को जागृत करती हुई रचना..!!Anita Laguri "Anu"https://www.blogger.com/profile/10443289286854259391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-61163213098511351172019-10-31T19:03:14.741+05:302019-10-31T19:03:14.741+05:30प्राकृतिक और सामाजिक जीवन में आई कमियों पर बाखूबी ...प्राकृतिक और सामाजिक जीवन में आई कमियों पर बाखूबी कलम चली है आपकी अनीता जी । विषय चाहे कुछ भी हो आपकी लेखनी कुशलतापूर्वक भावों को सृजित करती है ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-70822985336987389012019-10-31T18:08:12.192+05:302019-10-31T18:08:12.192+05:30जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल ...जी नमस्ते,<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (01-11-2019) को "यूं ही झुकते नहीं आसमान" (चर्चा अंक- 3506) " पर भी होगी।<br />आप भी सादर आमंत्रित हैं….<br /><br />-अनीता लागुरी 'अनु'<br />---Anita Laguri "Anu"https://www.blogger.com/profile/10443289286854259391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-14721267344615889092019-10-31T16:13:54.511+05:302019-10-31T16:13:54.511+05:30आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द&qu...<i><b> आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में शुक्रवार 01 नवम्बर 2019 को साझा की गयी है.........<a href="http://halchalwith5links.blogspot.in/" rel="nofollow"> पाँच लिंकों का आनन्द पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-71703808553761695212019-10-31T15:45:55.686+05:302019-10-31T15:45:55.686+05:30दर्द धुआँ बन आँखों में
धंसता गया
निर्धन हुआ बेच...दर्द धुआँ बन आँखों में<br /> धंसता गया <br />निर्धन हुआ बेचैन <br /> वक़्त वहीं गया <br />ठहर <br />झगड़ता रहा<br /> मैं, मेरे का कारवां <br />बिखर गये घरौंदे <br /> परिवेश में घुलता रहा <br />ज़हर <br />बहुत ही सुन्दर सार्थक चिन्तनपरक लाजवाब भावाभिव्यक्ति<br />वाह!!!Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-74722511073460023752019-10-31T15:36:25.219+05:302019-10-31T15:36:25.219+05:30सादर आभार आदरणीया शुभा बहन.रचना का मर्म स्पष्ट करत...सादर आभार आदरणीया शुभा बहन.रचना का मर्म स्पष्ट करती बहुत ही सुन्दर समीक्षा हेतु. आपका स्नेह और सानिध्य हमेशा बना रहे. <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-69436584181960205232019-10-31T15:32:53.119+05:302019-10-31T15:32:53.119+05:30सादर नमन आदरणीया रितु दी जी.उत्साहवर्धक समीक्षा हे...सादर नमन आदरणीया रितु दी जी.उत्साहवर्धक समीक्षा हेतु. <br />आपका स्नेह,सानिध्य और मार्गदर्शन हमेशा यूँ ही बना रहे. अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-13868436315084514732019-10-31T15:30:21.687+05:302019-10-31T15:30:21.687+05:30सादर आभार आदरणीय रोहिताश जी उत्साहवर्धक समीक्षा हे...सादर आभार आदरणीय रोहिताश जी उत्साहवर्धक समीक्षा हेतु.आप का मार्गदर्शन हमेशा मिलता रहे. <br />प्रणाम <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-53906366225917368392019-10-31T15:27:32.875+05:302019-10-31T15:27:32.875+05:30सादर नमन आदरणीय रेणु दी जी.आपका स्नेह और सानिध्य क...सादर नमन आदरणीय रेणु दी जी.आपका स्नेह और सानिध्य की कायल हूँ मैं.साहित्य के प्रति अपार स्नेह आप का, आपको ब्लॉग की ओर खींच ही लता है.रचना का मर्म स्पष्ट करती बहुत ही सुन्दर समीक्षा हेतु सस्नेह आभार आपका. आप का स्नेह और सानिध्य यूँ ही बना रहे. <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-12344268034028620242019-10-31T15:19:54.683+05:302019-10-31T15:19:54.683+05:30सादर नमन आदरणीय रवीन्दर जी.कभी-कभी आप की समीक्षा द...सादर नमन आदरणीय रवीन्दर जी.कभी-कभी आप की समीक्षा देख अवाक रह जाती हूँ.भाव गांभीर्य समेटे रचना का मर्म स्पष्ट करती सार्थक और सुन्दर समीक्षा के लिए सहृदय आभार आपका. <br />प्रणाम <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-66627758670588047802019-10-31T12:23:34.425+05:302019-10-31T12:23:34.425+05:30वाह!!सखी अनीता जी ,बेहतरीन सृजन !!अपनों के द्वारा ...वाह!!सखी अनीता जी ,बेहतरीन सृजन !!अपनों के द्वारा अपनों को छला जाना ...,स्वार्थ में अंधा इंसान ,इंसानियत भूलकर स्वार्थ पूर्ति में जुटा...। शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-59287108309196834032019-10-31T12:09:57.227+05:302019-10-31T12:09:57.227+05:30बेहतरीन और विचारणीय प्रस्तुति अनीता जीबेहतरीन और विचारणीय प्रस्तुति अनीता जीRitu asooja rishikesh https://www.blogger.com/profile/07490709994284837334noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3984492285377287745.post-28300591901433777492019-10-31T11:44:50.639+05:302019-10-31T11:44:50.639+05:30दोहन और संसाधनों का अनावश्यक उपयोग के साथ साथ मानु...दोहन और संसाधनों का अनावश्यक उपयोग के साथ साथ मानुष का लालची मन हमारी धरोहर को छलनी किये जा रही है।<br />सुंदर रचना।<br />यहाँ स्वागत है 👉👉 <a href="https://rohitasghorela.blogspot.com/2019/10/blog-post_30.html" rel="nofollow">कविता </a>Rohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.com