धड़कनों ने बुना खुली आँखों से देखा,
वह ख़्वाब निराला है |
तसव्वुर से तराशा तमाम ख़्वाहिशों में सिमटा,
वह चंद्रयान-2 उर की ज्वाला है |
साँसों ने सजाया गौरव हृदय पर ,
वह दर्द-ए-जिगर का रखवाला है |
इसरो में उपजी इबादत मेहर मेहनत की,
वह अरदास का प्याला है |
नासा ने नवाज़ा निहारिका कह ,
वह भारत का सपूत अलबेला है |
भारत की आसमानी हसरतों का पुँज
गुमराह हुआ चाँद पर भविष्य का वह उजाला है |
लेंडर विक्रम हुआ बेवफ़ा जाकर मंज़िल के क़रीब !
प्रति पल सवेरा उम्मीद का धैर्य ने खोज निकाला है |
भारत की आसमानी हसरतों का पुँज
गुमराह हुआ चाँद पर भविष्य का वह उजाला है |
लेंडर विक्रम हुआ बेवफ़ा जाकर मंज़िल के क़रीब !
प्रति पल सवेरा उम्मीद का धैर्य ने खोज निकाला है |
ओझल हुआ सेटेलाइट लिंक नयनों से,
वह लौटेगा यह विश्वास सबल साँसों ने संभाला है |
- अनीता सैनी
वाह जी बहुत खूब ///
जवाब देंहटाएंलेंडर विक्रम हुआ बेवफ़ा जाकर मंज़िल के क़रीब !
प्रति पल सवेरा उम्मीद का धैर्य ने ख़ोज निकाला है |
ओझल हुआ सेटेलाइट लिंक नयनों से,
वह लौटेगा यह विश्वास सबल साँसों ने संभाला है |
तहे दिल से आभार आप का, हमेशा से ही प्रीत से ओत-प्रोत होती हैं आप की समीक्षा | आप का स्नेह और सानिध्य यूँ ही बना रहे |वक़्त बे-वक़्त पढ़ते रहा करें |
हटाएंऔर समीक्षा अवश्य करे |
सादर स्नेह
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (10-09-2019) को "स्वर-व्यञ्जन ही तो है जीवन" (चर्चा अंक- 3454) पर भी होगी।--
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सहृदय आभार आदरणीय चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए
हटाएंप्रणाम
सादर
badhiya kavita
जवाब देंहटाएंThanks sir.
हटाएंअप्रतिम... विज्ञान और तकनीकी के विषय पर एक कवि अथवा कवयित्री का हृदय ही इतने सरस और गर्व भाव का सृजन कर सकता है । लाजवाब सृजन प्रिय अनीता ।
जवाब देंहटाएंआदरणीया मीना दी जी- तहे दिल से आभार आप का
हटाएंआप के अनमोल शब्दों ने रचना में जान डाल दी|अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखे |
आभार
सादर
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंआदरणीया दी जी -सहृदय आभार आप का अपने अनमोल शब्दों से नवाज़ने के लिए
हटाएंसादर
आमीन ... आशा है सम्बन्ध पुनः स्थापित होगा ...
जवाब देंहटाएंविज्ञान और साहित्य का सार्थक सृजन है इस रचना में ...
आदरणीय नासवा जी तहे दिल से आभार आप काऔर हमारी दुआ जरुर क़बूल होगी, अब काफ़ी हाथ दुआ में उठे है |
हटाएंप्रणाम
सादर
बहुत सुंदर लेखन
जवाब देंहटाएंआदरणीया दी जी सहृदय आभार आप का
हटाएंआप आये की ब्लॉग में बहार आगई
सादर
अनीता जी , आपकी दुआऐं चांद तक पहुंच गई, देखिए तो ज़रा... चंद्रयान-2 को लेकर इसरो की उम्मीद और बढ़ गई क्योंकि लैंडर विक्रम को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है
जवाब देंहटाएंसही कही आदरणीय अलकनंदा दी जी-दुआ क़ुबूल हो गयी
हटाएंअब सिर्फ सम्पर्क साधना है अब सब अच्छा ही होगा |
तहे दिल से आभार आप का उत्साहवर्धन और सुंदर समीक्षा हेतु
आभार
सादर
सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंप्रणाम
सादर
बहुत सुंदर रचना सखी
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिये सखी
हटाएंसादर
जवाब देंहटाएंओझल हुआ सेटेलाइट लिंक नयनों से,
वह लौटेगा यह विश्वास सबल साँसों ने संभाला है |
बहुत सुंदर प्रिय अनिता यह हर भारतवासी का विशवास और आस है |सस्नेह --
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया रेणु दी जी
हटाएंसादर
वाह!!सखी ,बहुत सुंदर👍
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार प्रिये बहना उत्साहवर्धन के लिए
हटाएंसादर
वाह! वैज्ञानिक विषय पर एक भावुक करती शानदार कविता. आशा है चंद्रयान-2 से जुड़े समाचार हमें सुकून देने वाले होंगे. 7 सितंबर 2019 को चंद्रयान-2 को लेकर हमारी अपेक्षाओं का पैमाना छलक उठा था लेकिन वक़्त ने हमें और मेहनत करने को कहा है.
जवाब देंहटाएंलिखते रहिए. आपका मौलिक चिंतन प्रभावशाली है.
आदरणीय रवीन्द्र जी -आप के इस प्रोत्साहन की हमेशा आभारी रहूँगी |सही कहा आप ने कुछ दिनों की मेहनत वक़्त और मांगता है अपना परिणाम देने के लिए |सुंदर समीक्षा और प्रोत्साहन के लिए तहे दिल से आभार आप का
हटाएंप्रणाम
सादर
वाह बेहतरीन रचना। अद्भूतसखी !
जवाब देंहटाएंआदरणीया दी जी सहृदय आभार आप का
हटाएंसादर
बेहतरीन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय आप का
हटाएंसादर
अप्रतिम अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंआदरणीया उर्मिला दी जी -सहृदय आभार आप का उत्साहवर्धन हेतु
हटाएंसादर
बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति, आशा का छोर थामें, विज्ञान के क्षेत्र में सदा नव की अवधारणा रहती है पूर्णता कभी नही।
जवाब देंहटाएंअसफलताएं सदा नये रासृते खोलती है।
अप्रतिम।
प्रिये कुसुम दी जी -शब्द नहीं है किन शब्दों से आप का आभार व्यक्त करूं |आप का स्नेह और सानिध्य मेरे प्रति यूँ ही बनाये रखे |तहे दिल से आभार आप का
हटाएंसादर
ओझल हुआ सेटेलाइट लिंक नयनों से,
जवाब देंहटाएंवह लौटेगा यह विश्वास सबल साँसों ने संभाला है
चन्द्रयान 2 पर बहुत ही शानदार भावाभिव्यक्ति... विज्ञान और साहित्य का यह अद्भुत संयोग बहुत ही सार्थक और सुन्दर है....इसरो की उम्मीदों में पूरे देश की उम्मीद और दुआएं शामिल हैं हमें हमारे वैज्ञानिक कों पर गर्व है
तहे दिल से आभार प्रिये सखी सुंदर समीक्षा और उत्साहवर्धान के लिए |आप का स्नेह और सानिध्य हमेशा बना रहे |
हटाएंसस्नेह आभार आप का
सादर