गूँगी गुड़िया
अनीता सैनी
बुधवार, जुलाई 17
गिरह
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गिरह / अनीता सैनी १६ जुलाई २०२४ ……. गर्भ में पलता भविष्य अतीत के फफोलों पर लुढ़कता आँखों का गर्म पानी तुम्हारी करुणा की कहानी...
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शनिवार, जुलाई 13
आह! ज़िंदगी
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आह! ज़िंदगी / अनीता सैनी १२जुलाई २०२४ …… …..और कुछ नहीं वे स्वीकार्य-सीमा की मेड़ पर खड़े गहरे स्पर्श करते अंकुरित भाव थे न जान...
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शनिवार, जुलाई 6
बरसाती झोंका
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बरसाती झोंका / अनीता सैनी ०४जुलाई २०२४ ……… उन दिनों ब्रिज पर टहलते हुए हमें चुप्पियों ने जकड़ लिया आत्मा पर हथकड़ियाँ डाली अब...
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सोमवार, जून 24
अनुभूति
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अनुभूति / अनीता सैनी २३जून२०२४ …… प्रकृति पर मलकियत जताने वाले वे सभी उसके मोहताज थे यह उन्हें नहीं पता था क्योंकि उन दिनों ...
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बुधवार, जून 19
भावनाएँ
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भावनाएँ / अनीता सैनी १८जून२०२४ …… ठस होती आत्मा में भावनाएँ जब भी लौटती हैं माथे पर तिलिस्मी इन्द्रधनुष सजाए लौटती हैं मानो...
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मंगलवार, मई 14
वह प्रेम में है
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वह प्रेम में है /अनीता सैनी १२मई२०२४ ……. तुम उसे दुर्बल मत कहो वह प्रेम में है पाप-पुण्य से परे माटी बीज मरने नहीं देती व...
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गुरुवार, अप्रैल 18
खँडहर
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चलन को पता है समय की गोद में तपी औरतें चूड़ी बिछिया पायल टूटने से खँडहर नहीं बनती उन्हें खँडहर बनाया जाता है चलन का जूते-चप्प...
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शनिवार, अप्रैल 6
उदासियाँ
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उदासियाँ / अनीता सैनी ५अप्रेल२०२४ …. मरुस्थल से कहो कि वह किसके फ़िराक़ में है? आज-कल बुझा-बुझा-सा रहता है? जलाती हैं साँसें भ...
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रविवार, मार्च 31
पाती
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पाती / अनीता सैनी ३०मार्च २०२४ …… उस दिन पथ ने पथिक को पाती लिखी बेमानी लिखी न झूठ सावन-भादो के गरजते बादल सुबह की गुनगुनी...
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