गूँगी गुड़िया
अनीता सैनी
सोमवार, जून 24
अनुभूति
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अनुभूति / अनीता सैनी २३जून२०२४ …… प्रकृति पर मलकियत जताने वाले वे सभी उसके मोहताज थे यह उन्हें नहीं पता था क्योंकि उन दिनों ...
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बुधवार, जून 19
भावनाएँ
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भावनाएँ / अनीता सैनी १८जून२०२४ …… ठस होती आत्मा में भावनाएँ जब भी लौटती हैं माथे पर तिलिस्मी इन्द्रधनुष सजाए लौटती हैं मानो...
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मंगलवार, मई 14
वह प्रेम में है
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वह प्रेम में है /अनीता सैनी १२मई२०२४ ……. तुम उसे दुर्बल मत कहो वह प्रेम में है पाप-पुण्य से परे माटी बीज मरने नहीं देती व...
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गुरुवार, अप्रैल 18
खँडहर
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चलन को पता है समय की गोद में तपी औरतें चूड़ी बिछिया पायल टूटने से खँडहर नहीं बनती उन्हें खँडहर बनाया जाता है चलन का जूते-चप्प...
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शनिवार, अप्रैल 6
उदासियाँ
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उदासियाँ / अनीता सैनी ५अप्रेल२०२४ …. मरुस्थल से कहो कि वह किसके फ़िराक़ में है? आज-कल बुझा-बुझा-सा रहता है? जलाती हैं साँसें भ...
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रविवार, मार्च 31
पाती
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पाती / अनीता सैनी ३०मार्च २०२४ …… उस दिन पथ ने पथिक को पाती लिखी बेमानी लिखी न झूठ सावन-भादो के गरजते बादल सुबह की गुनगुनी...
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शुक्रवार, मार्च 1
खरोंच
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खरोंच / कविता / अनीता सैनी ……. हम दोनों ने उदय होते सूरज को प्रणाम किया दुपहरी होते-होते वहाँ से निकल गए हमारा चले आना उनके लि...
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रविवार, फ़रवरी 25
प्रेम
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प्रेम का संकेत मिलते ही अनुगामी बन जाओ उसका हालाँकि उसके रास्ते कठिन और दुर्गम हैं और जब उसकी बाँहें घेरें तुम्हें समर्पण कर दो ...
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रविवार, फ़रवरी 18
युद्ध
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युद्ध / अनीता सैनी ….. तुम्हें पता है! साहित्य की भूमि पर लड़े जाने वाले युद्ध आसान नहीं होते वैसे ही आसान नहीं होता यहाँ से ल...
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