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नये मोटर व्हीकल क़ानून का आख़िर विरोध क्यों ? लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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शनिवार, सितंबर 7

नये मोटर व्हीकल क़ानून का आख़िर विरोध क्यों ?


हम समझते हैं उन नियमों को, 
जिन्हें भारत सरकार ने जनहित में जारी किया, 
न ही हम किसी पार्टी विशेष को सपोर्ट  कर रहे,   
न ही  बग़ावत कर रहे  उन लोगों से जो,  
इस एक्ट का विरोध कर  रहे हैं,  
 नये मोटर व्हीकल क़ानून का आख़िर विरोध क्यों ?
कहाँ ख़ामी नज़र आयी हमें ? 
क्या  ट्रैफिक-पुलिस की 
रेड-लाइट जंप करना  ज़रुरी है ? 
क्या प्रतिबंधित क्षेत्र में गाड़ी पार्क करना? 
या सही तरीक़े  से गाड़ी पार्क नहीं करना,  
 टूवीलर ड्राइविंग के दौरान हेलमेट नहीं पहनना, 
कार ड्राइविंग के दौरान सीट बेल्ट नहीं लगाना, 
नंबर प्लेट नियमानुसार नहीं होने, 
बिना  लयसेंस गाड़ी चलाने, 
बिना रजिस्ट्रेशन गाड़ी चलाने, 
इंसोरेंस और प्रदूषण जाँच के दस्तावेज़  नहीं होने पर,  
या मोटर व्हीकल एक्ट में वाहन चालकों के लिये  
जारी अन्य मानक पूरा नहीं करने पर, 
वह चालान कर सकती है, 
क्या यह ग़लत है, 
अगर हम बिना ड्राइविंग लायसेंस,
रजिस्ट्रेशन और परमिट के वाहन चला रहे हैं,
उसी वक़्त  पुलिस हमारे  वाहन को मौक़े पर ज़ब्त,  करती, 
क्या यह ग़लत है ?
अगर हम  नशे में गाड़ी चला रहे हैं,
 मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चला रहे हैं,
ओवर लोडिंग कर रहे हैं, 
या फिर रेड-लाइट जम्प करके भाग रहे हैं, 
तब पुलिस हमारे ड्राइविंग लायसेंस को सीज़ करती, 
क्या यह हमारे साथ ग़लत हो रहा है ?
क्या दुर्घटनाओं से हो रही हमारी रक्षा, 
या हमें  सभ्य नागरिक बनाने की सरकारी बाध्यता,  
क्या यह ग़लत है  ?
यातायात नियमों में अनुशासन आने से,  
दुर्घटनाएँ नियंत्रित होंगीं,  
किसी घर में बेवजह माँएं न रोंएँगीं, 
देश में सभ्य नागरिकों की संख्या में इज़ाफ़ा होगा, 
तब बुरी ख़बर का न कोई लिफ़ाफ़ा होगा, 
 क्या यह ग़लत है ? 

#अनीता सैनी