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रविवार, नवंबर 21

म्हारी लाडेसर



 गुड़ डळी बँटवाई घर-घर 
खुल्यो सुखा रो बारणों।
लाड कँवर लाडेसर म्हारी 
चाँद-सूरज रो चानणों।।

प्राजक्ता-सी हृदय-मोहिनी 
तुलसी पाना बन छाई
आँगण माही बिखरी सौरभ 
माँडनियाँ-सी मन भाई
हिवड़े माही गीत गूँजती 
किरण्या झरतो झालणों।।

कुमकुम पाँव रचाती आई
शुचि दीप्ता-सी मनस मोहणी
हिय की कोर बिठावे बाबुल 
तारक दला-सी सोहणी
नव डोळ्या बिछ पलक पाँवड़े 
 लूण राई को वारणों ।।

उगते सूरज पळे आस-सी
ढलते दिन री लालिमा
मन पोळ्या रो दिवलो म्हारो
उजळी भोर हर कालिमा
जग सारे रो सुख वैभव दूँ 
झोटा देवती पालणों।।

@अनीता सैनी 'दीप्ति'

शब्द =अर्थ 

बारणों =दरवाजा

लाड़ कँवर= राजकुमारी 

 लाडेसर = पुत्री, बेटी 

चानणों =उजाला

प्राजक्ता =पारिजात

माँडनियाँ =मांडना राजस्थान की लोक कला है। इसे विशेष अवसरों पर महिलाएँ ज़मीन अथवा दीवार पर बनाती हैं

झालणों =हवा देने की पँखी,चँवर 

सोहणी =सुंदर

नव डोळ्या =नया रास्ता

पलक पाँवड़े =किसी की  उत्कंठापूर्वक प्रतीक्षा करना

वारणों =नजर उतरना

42 टिप्‍पणियां:

  1. अप्रतिम और स्नेहसिक्त भावों से सम्पन्न बेहतरीन और लाजवाब
    सृजन । बिटिया के जन्मदिन थी आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं अनीता जी ! गुड़िया को असीम स्नेह सहित शुभाशीष 🎂🍧💐

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    1. आभारी हूँ आदरणीय मीना दी जी।
      स्नेहआशीष यों ही बना रहे।
      सादर

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  2. कृपया *जन्मदिन की* पढ़ें 🙏

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  3. बिटिया को जन्मदिन पर स्नेह आशीष।हमेशा हँसती मुस्कुराती रहे।बहुत ही सुंदर गीत लिखा है अनीता।
    मीना जी बहुत बहुत शुक्रिया।

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  4. लाजवाब सृजन, बिटिया के जन्मदिन की आपको हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. आभारी हूँ बिटिया को आपका आशीर्वाद मिला।
      सादर

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  5. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 22 नवम्बर 2021 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. आभारी हूँ दी पांच लिंको पर स्थान देने हेतु।
      सादर

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  6. प्राजक्ता-सी हृदय-मोहिनी
    तुलसी पाना बन छाई
    आँगण माही बिखरी सौरभ
    माँडनियाँ-सी मन भाई
    हिवड़े माही गीत गूँजती
    किरण्या झरतो झालणों।।
    परिजात और तुलसी सी उपमाओं से सजी भावनाएं बेटी के लिए बहुत ही मनभावन गीत का तोहफा बिटिया के जन्मदिन पर....
    ढ़ेर सारा प्यार आशीर्वाद बधाई एवं शुभकामनाएं बिटिया को।
    लाजवाब गीत।

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    1. आभारी हूँ आदरणीय सुधा दी जी हमेशा ही आपकी प्रतिक्रिया मेरा संबल बनती है।
      स्नेह बनाए रखें।
      सादर

      हटाएं
  7. वात्सल्य और स्नेह का निर्मल झरना सा बह रहा है इस रचना में,सरस नेह से पगी रचना।
    प्रिय साक्षी बिटिया को जन्म दिवस पर अनंत शुभकामनाएं शुभाशीष।
    सस्नेह।

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    1. आभारी हूँ आदरणीय कुसुम दी जी बिटिया को आपका आशीर्वाद मिला।
      स्नेह आशीर्वाद बनाए रखें।
      सादर

      हटाएं
  8. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल सोमवार (22-11-2021) को चर्चा मंच         "म्हारी लाडेसर"    (चर्चा अंक4256)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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    उत्तर
    1. बहुत बहुत शुक्रिया सर चर्चामंच पर स्थान देने हेतु।
      सादर

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  9. उत्तर
    1. आभारी हूँ सर बिटिया को आपका आशीर्वाद मिला।
      सादर

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  10. बहुत ही सुन्दर गीत अनीता!
    बेटियों पर बहुत कम गीत लिखे गए हैं. मुझे तो सुभद्राकुमारी चौहान का गीत -
    'मैं बचपन को बुला रही थी, बोल उठी बिटिया मेरी !
    और साहिर का नग्मा -
    'मेरे घर आई एक नन्हीं परी !'
    ही याद आ रहे हैं.
    साक्षी जैसी बिटिया तुम्हें मुबारक हो और उसे तुम्हारी जैसी माँ !

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    1. सादर आभार आदरणीय गोपेश जी सर।
      आपकी प्रतिक्रिया मेरा संबल है।
      आशीर्वाद बनाए रखें।
      सादर

      हटाएं
  11. उत्तर
    1. आभारी हूँ आपका आशीर्वाद मिला।
      सादर प्रणाम

      हटाएं
  12. बहुत बढ़िया अनीता जी, बिना अर्थ पढ़े ही बेटी के लिए स्नेह और ममत्व को परिभाषित कर उर में उतर गई सुंदर रचना ।प्रिय अनीता जी बेटी के जन्मदिन की आपको और बेटी को मेरी बहुत सारी शुभकामनाएं और ढेरों स्नेहाशीष

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    1. आभारी हूँ आदरणीय जिज्ञासा दी आपका स्नेह मेरा संबल है।
      आशीर्वाद बनाए रखें।
      सादर

      हटाएं
  13. ऐसी कविताएं पढ़कर किसी भी स्नेह-सिक्त माता या पिता का मन भर आता है। राजस्थानी काव्य रचने में तो आपको महारत हासिल है अनीता जी। इस मामले में तो आपकी क़लम का जादू सर चढ़कर बोलता है। बिटिया को ढेरों आशीष।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आभारी हूँ आदरणीय जितेंद्र जी सर मनोबल बढ़ाती सारगर्भित प्रतिक्रिया हेतु। आपकी प्रतिक्रिया मेरा संबल है।
      बिटिया को मिला आशीष अनमोल है।
      सादर

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  14. हृदय स्पर्शी रचना सखी,माँ की ममता का अद्भुत चित्रण, गुड़िया को स्नेहाशीष

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    1. आभारी आदरणीय अभिलाषा दी जी।
      अत्यंत हर्ष हुआ बिटिया को आपका आशीर्वाद मिला।
      सादर

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  15. बहुत ही सुंदर! मेरी तरफ से बहन को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ !

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  16. सुन्दर सृजन आदरणीय ,जन्मदिन की बहुत बधाइयां ।

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  17. सुंदर सृजन... बिटिया को जन्मदिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभाशीष...

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  18. बिटिया को जनम दिन की हार्दिक बधाई ...
    लोक शिउली में यह खासियत है की मन के भाव सहज और सीधे दिल से निकल कर दिल में जाते हैं ...
    बहुत सुन्दर प्रेमाभिव्यक्ति ... बिटिया खूब नाम करे ...

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    उत्तर
    1. आभारी हूँ सर मनोबल बढ़ाती सरगर्भित प्रतिक्रिया हेतु। आशीर्वाद बनाए रखें।
      सादर

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  19. बहुत ही सुंदर नवगीत। बेटियों के लिए नई नई उपमाए एक माँ ही ढूंढ सकती। बेटियों के जन्मदिन पर हर्ष बिखेरता लाज़वाब सृजन। गिड्डू को जन्मदिन पर बहुत सारा स्नेह आशीष।

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    1. दिल की गहराइयों से अनेकानेक आभार प्रिय बहना। गिड्डू को तुम्हारा स्नेहआशीष मिला।
      हमेशा खुश रहो।
      बहुत सारा स्नेह

      हटाएं
  20. बहुत ही सुंदर नवगीत। बेटियों के लिए नई नई उपमाए एक माँ ही ढूंढ सकती। बेटियों के जन्मदिन पर हर्ष बिखेरता लाज़वाब सृजन। गिड्डू को जन्मदिन पर बहुत सारा स्नेह आशीष।

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