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मंगलवार, नवंबर 24

मूरत मन की

प्रसिद्द गायिका, संगीतकार एवं वरिष्ठ ब्लॉगर आदरणीया शुभा मेहता दीदी ने मेरे नवगीत 'मूरत मन की ' को अपना मधुर स्वर देकर संगीतबद्ध किया है। आदरणीया दीदी के स्वर में अपना नवगीत सुनकर मन भावविभोर हो गया।
आदरणीया शुभा दीदी का स्नेह और आशीर्वाद सदैव मेरे साथ बना रहे।
आप भी सुनिए मेरा नवगीत आदरणीया शुभा दीदी के सुमधुर कंठ से निसृत कर्णप्रिय स्वरलहरी-


मूरत मन की  पूछ रही है, 

नयनों से लख-लख प्रश्न प्रिये,

 जीवन तुझपर वार दिया है,

साँसें पूछ रहीं हाल प्रिये। 


समय निगोड़ा हार न माने,

पुरवाई उड़ती उलझन में,

पल-पल पूछूँ हाल उसे मैं,

नटखट उलझाता रुनझुन में

कुशल संदेश पात पर लिख दो,

चंचल चित्त अति व्याकुल प्रिये।। 


भाव रिक्त कहता मन जोगी,  

नितांत शून्य आंसू शृंगार,

भाव की माला गूँथे स्वप्न,

चेतन में बिखरे बारबार,

अवचेतन सँग गूँथ रहीं हूँ, 

कैसा जीवन जंजाल प्रिये।।


सीमाहीन क्षितिज-सी साँसें,

तिनका-तिनका सौंप रही हूँ,

आकुल उड़ान चाह मिलन की,

भाव-शृंखला भूल रही हूँ,

सुध बुद्ध भूली प्रिय राधिका, 

कैसी समय की ये चाल प्रिये।।

© अनीता सैनी

22 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (25-11-2020) को   "कैसा जीवन जंजाल प्रिये"   (चर्चा अंक- 3896)    पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

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    1. सादर आभार आदरणीय सर चर्चा मंच पर स्थान देने हेतु।
      सादर

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  2. व्वाहहहहहह
    बेहतरीन
    शुभकामनाएँ दोनों को
    सादर

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  3. लाजवाब नवगीत...एवं मधुर सुरबद्ध गायन आ. शुभा जी का...।
    आप दोनों को बधाई एवं शुभकामनाएं।

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    1. सादर आभार आदरणीय दी मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु।
      सादर

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  4. सीमाहीन क्षितिज-सी साँसें,तिनका-तिनका सौंप रही हूँ |बहुत श्लाघनीय , सुन्दर रचना |

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    1. आभारी हूँ आदरणीय प्रतिक्रिया से संबल मिला।
      सादर

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  5. शुभा जी के सुर और आपका लेखन..लाजवाब है ।अति सुन्दर ।

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    1. आभारी हूँ मीना दी मनोबल बढ़ाने हेतु।

      हटाएं
  6. आपकी लेखनी की धार को,शुभा जी ने रसधार बना दिया..।बहुत ही कर्णप्रिय गीत है..।

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    1. आभारी हूँ आदरणीय निज्ञासा जी आपकी प्रतिक्रया से सृजन को प्रवाह मिला।
      सादर

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  7. उत्तर
    1. आभारी हूँ आदरणीय जेन्नी दी मनोबल बढ़ाने हेतु।
      सादर

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  8. अहा !!! मन रमता जोगी सा हुआ ... अहा !!!

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    1. दिल से आभार आदरणीय अमृता दी मनोबल बढ़ाने हेतु।
      सादर

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  9. मुग्ध करती संगीतमय कृति - - शुभकामनाओं सह।

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    उत्तर
    1. सादर आभार आदरणीय सर मनोबल बढ़ाने हेतु।
      सादर

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  10. सुन्दर रचना को सुन्दर भावपूर्ण संगीत में संजोया है ...

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