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मंगलवार, जनवरी 11

हिवड़ो झूले हिण्डोला



फूल बिछाया आँगण माही
माट्टी पोतयो बारणों।।
घणी बेग्या काज करया 
 तारिका ढळतो चानणों।।

दीवल रो काजळियो काड्यो 
काळी आटी जुड़ा जड़ी।
कुण्या पार चड्यो चूड़लो 
बिछुड़ी डसती घड़ी-घड़ी।
बिंदी होळ्या-होळ्या पूछे 
घरा साजन रो आवणों।।

दाल चूरमो हलवो पूरी
साँगरिया रो साग करो।
बाल्या देवे सखी सहेल्याँ
झोळा विरहण भाग भरो।
 दूब्ल्याँ डोल्ये माटी मनड़ा 
फीकी ऋतु रो जावणों।।

तितर-बितर बिखरेड़ा भांडा 
मोर मनड़े रा उड़ रह्या।
फाला होरी धड़कन बेरण
भाव मोतीड़ा गुड़ रह्या।
दिन ढळे चढ़े धूप डागळा
हिवड़ हिंडोला तारणों।।

@अनीता सैनी 'दीप्ति'

शब्द =अर्थ
पोतयो =पुताई 
बारणों=दरवाजा 
बेग्या=जल्दी 
काज=काम काज 
काजळियो =काजल 
होळ्या-होळ्या =धीरे-धीरे 
पूछे =पूछना 
आवणों=आना 
बाल्या=झूठ बोलना 
झोळा=झोला  
दूब्ल्याँ=दूब ,दूर्वा 
जावणों=जाना
तितर-बितर=अस्त-व्यस्त 
फाला=बहुत तेज दौड़ना 
हिंडोला=झूला 
तारणों=उतारना 

35 टिप्‍पणियां:

  1. हिवड़ो में कटारी सी चुभती हुई ...एक अलग ही टीस उठाती हुई । गेयता के आकर्षण में बांधती हुई ....

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया अमृता जी दी मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु।
      सादर

      हटाएं
  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 12 जनवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
    !

    अथ स्वागतम् शुभ स्वागतम्

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आभारी हूँ आदरणीया पम्मी दी जी पांच लिंको पर स्थान देने हेतु।
      सादर

      हटाएं
  3. वाह !! बहुत खूब !!
    अति सुन्दर मनमोहक नवगीत ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आभारी हूँ आदरणीय मीना दी जी सराहना सम्पन्न प्रतिक्रिया हेतु।
      सादर

      हटाएं
  4. उत्तर
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया अनीता दी जी।
      सादर

      हटाएं
  5. Sandar anita ese hi likhti raho
    Or guddu ki kalakriti ne to char chand laga diye.

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह !
    सुंदर रचना के साथ साथ, प्रिय साक्षी का मां के लिए प्यारा सा चित्र । दोनों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं 😀💐

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आभारी हूँ आदरणीय जिज्ञासा जी।
      सादर

      हटाएं
  7. सुंदर सृजन अनिता ज

    जवाब देंहटाएं
  8. पिया के आने की आहट मात्र से फूल खिलने लगते हैं, हर दिशा चहकने लगती है, पाँव बहकने लगते हैं और अंतस नये श्रृंगार सजने लगता है, पकवानों की खुशबू, पाकशाला को अस्त व्यस्त कर देती हड़बड़ी।
    अप्रतिम चित्रण मनोभावों का।
    शृंगार से शृंगारित सुंदर राजस्थानी गीत।


    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आभारी हूँ आदरणीय कुसुम दी जी आपकी प्रतिक्रिया मेरा संबल है। आशीर्वाद बनाए रखे।
      सादर

      हटाएं
  9. राजस्थानी हवा-पानी-मिट्टी में सराबोर भावभीने ऐसे गीत किस भावुक हृदय को न स्पर्श करें? अक्षर-अक्षर मानो हृदय को थपथपाते हुए नयनों के समक्ष से निकलता है। आप राजस्थानी शब्दों के अनुवाद देती हैं, यह उनके निमित्त बहुत उपयोगी है जो इस भाषा से अपरिचित हैं। आपने डागळा शब्द का अर्थ नहीं लिखा है। इसका अर्थ होता है - 'घर की छत'।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आभारी हूँ आदरणीय जितेंद्र जी सर आपकी प्रतिक्रिया संबल है मेरा। आपकी साहित्यिक प्रतिक्रिया सृजन का मर्म स्पष्ट करती हुई बहती है।
      अनेकानेक आभार।
      आप ने सही कहा मेरे से डागळा शब्द का अर्थ छूट गया। बहुत बहुत आभार आपका।
      सादर

      हटाएं
  10. बेहद खूबसूरत गीत 👌👌

    जवाब देंहटाएं
  11. साजन के घर आने पर घर का माहौल किसी त्यौहार जैसा हो जाता है
    बहुत सुन्दर गीत

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आभारी हूँ आदरणीया कविता रावत जी अत्यंत हर्ष हुआ आपकी प्रतिक्रिया मिली।
      सादर

      हटाएं
  12. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बृहस्पतिवार (13-1-22) को "आह्वान.. युवा"(चर्चा अंक-4308)पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
    --
    कामिनी सिन्हा

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    उत्तर
    1. आभारी हूँ कामिनी जी मंच पर स्थान देने हेतु।
      सादर

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  13. बेहतरीन रचना सखी, राजस्थान की माटी की सौंधी गंध से महकती हुई।आपको लोहड़ी एवं मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. दिल से आभार सखी।
      आपको भी लोहड़ी एवं मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
      सादर

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  14. अभिव्यक्ति का माध्यम भाषा नहीं भाव होते हैं।
    रचना इस उक्ति को चरितार्थ कर रही।
    अत्यंत सुंदर सृजन और बिटिया के द्वारा बनाया गया चित्र तो बेहद सराहनीय है, बिटिया को असीम स्नेह।

    सस्नेह।

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    उत्तर
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया श्वेता दी मनोबल बढ़ाती सारगर्भित प्रतिक्रिया हेतु।
      सादर स्नेह

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  15. राजस्थानी मिटी की खुशबु, अति सुन्दर

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  16. इंतज़ार के पलों में किये गए कामों का लेखा जोखा । समझने की कोशिश की । एक विरहिन के मन के भावों को बखूबी लिखा है । चित्र प्रभावशाली । साक्षी को बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय संगीता दी जी मनोबल बढ़ाती सारगर्भित प्रतिक्रिया हेतु।
      आशीर्वाद बनाए रखें
      सादर

      हटाएं
  17. वाह!प्रिय अनीता ,खूबसूरती के साथ हृदय के उद्गार प्रकट करती हुई बेहतरीन रचना ।

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    1. हार्दिक आभार प्रिय शुभा दी जी मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु।
      सादर

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  18. बेनामी2/2/22, 5:41 am

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