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बुधवार, जनवरी 23

शत-शत नमन



                  
                 
      वतन  पर  मिटने  वाला, 
    भारत  का  सपूत  निराला ,
    हाथों में शंख युद्धघोष के लिये,
 कलेजे  में  धधके  ज्वाला |


  दृढ़प्रतिज्ञ   फ़ौलाद-सा सीना,
  आज़ादी का  करे  आह्वान ,
 "तुम मुझे ख़ून दो मैं तुम्हें  आज़ादी दूँगा"
लबों पर इन्हीं शब्दों का गान |



   निर्भीक  निडर  परमवीर जाँबाज़ योद्धा ,
"जय हिंद" का करता  उद्घोष ,
     युवा  सहृदय   सम्राट,
 आज़ादी  का  करता   जयघोष |

                              - अनीता