भारत का सपूत निराला ,
हाथों में शंख युद्धघोष के लिये,
कलेजे में धधके ज्वाला |
दृढ़प्रतिज्ञ फ़ौलाद-सा सीना,
आज़ादी का करे आह्वान ,
"तुम मुझे ख़ून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा"
लबों पर इन्हीं शब्दों का गान |
निर्भीक निडर परमवीर जाँबाज़ योद्धा ,
"जय हिंद" का करता उद्घोष ,
युवा सहृदय सम्राट,
आज़ादी का करता जयघोष |
- अनीता