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सोमवार, जनवरी 28

साँझ




                                      धरा  आलिंगन  में, 
                                    धरी  सुनहरी  साँझ,
                                   धूसर  रंगों   में  डूबी, 
                                   ग़ुरुर  से  माथा  चूम |

                                  शांत  लय  से  रखती, 
                                        पद-चाप, 
                                    प्रीत  में   इतराती, 
                                  करती  प्रेमालाप |

                                    समीर शांत  लय, 
                                        से टकराती, 
                                     प्रीत में बरसाती, 
                                         सुनहरी धूप |

                               मद्धिम  लय  में  छिपी, 
                                     आकांक्षा, 
                             दुल्हन-सा  माधुर्य  समेटे,  
                             श्यामलता में सिमटी,  
                            करती  रंगों  की  बौछार |

                                  बेचैनी हृदय  में समेटे, 
                                 जला   प्रीत  का  दीप, 
                                 ओढ़ी  चुनरी  यौवन की, 
                                'पी'  मिलन  की  आस |
                              
                                       -  अनीता 

33 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुंदर....
    साँझ का वर्णन

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  2. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 28/01/2019 की बुलेटिन, " १२० वीं जयंती पर फ़ील्ड मार्शल करिअप्पा को ब्लॉग बुलेटिन का सलाम “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    1. सह्रदय आभार आदरणीय शिवम् जी ब्लॉग बुलेटिन में स्थान देने हेतु
      सादर

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  3. क्या बात है
    बहुत बहुत खूब

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    उत्तर
    1. आदरणीय लोकेश जी - सह्रदय आभार आप का
      सादर

      हटाएं
  4. मद्धिम लय में छिपी
    आकांक्षा,
    दुल्हन सा माधुर्य समेटे
    श्यामलता में सिमटी
    करती रंगों की बौछार,...
    बहुत-बहुत सुन्दर लिखा है आपने। प्रकृति की माधुर्य का सजीव चित्रण। बेहतरीन ।

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    1. आदरणीय पुरुषोत्तम जी - रचना की सराहना हेतु आप का तहे दिल से आभार
      सादर

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  5. बहुत ही बेहतरीन रचना सखी

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  6. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (30-01-2019) को "वक्त की गति" (चर्चा अंक-3232) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    उत्तर
    1. सह्रदय आभार आदरणीय चर्चा में मुझे स्थान देने के लिए |
      सादर

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  7. आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 30 जनवरी 2019 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!


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    1. सस्नेह आभार आदरणीया पम्मी जी पांच लिंकों का आनन्द में मुझे स्थान देने के लिए |
      सादर

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  8. वाहह.. बहुत सुंदर सृजन👌

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    1. आदरणीया श्वेता जी -आप का तहे दिल से आभार
      सादर

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  9. बहुत बढ़िया, अनिता दी।

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    उत्तर
    1. शुक्रिया ज्योति बहन . . ..
      आप को बहुत सा स्नेह |
      सादर

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  10. सांझ का मनोरम वर्णन । अत्यंत सुन्दर रचना ।

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  11. सुंदर शब्द चित्र, प्रणाम

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  12. बहुत खूब ........ स्नेह सखी

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    1. प्रिय कामिनी जी - शुक्रिया सखी ...
      आभार
      सादर

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  13. वाह बहुत सुन्दर सखी ।
    अप्रतिम रचना।

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    उत्तर
    1. प्रिय सखी कुसुम जी - आप का तहे दिल से आभार, मार्गदर्शन कर आप ने रचना को सम्मान दिया, बहुत सा सस्नेह आप को |
      आभार
      सादर

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  14. उत्कृष्ट सृजन...
    वाह!!!

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    उत्तर
    1. प्रिय सुधा जी - सस्नेह आभार आप का
      सादर

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  15. बहुत प्यारी रचना सखी...

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  16. बहुत ही सुंदर रचना

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  17. बहुत सुंदर रचना । हिंदी भाषा के सभी ब्लॉगर्स अपने ब्लॉग को मोनेटाइज करके उससे धनार्जन करना सीखें ।

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