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बुधवार, जनवरी 1

बदलने लिबास वह जा रहा है



  दिन, सप्ताह, महीने  और वर्ष, 
आग़ोश में समेटे 2019 जा रहा है, 
शिकवा न शिकायत, 
जख़्म अनगिनत सीने पर लिये जा रहा है। 

 इबादत इंसानियत की मक़बूल किये, 

 बदलने स्वरुप इस जहां का जा रहा है,  
 2019 का अक्स 2020 को  कह पुकारेंगे,   
यही आँकलन समय किये जा रहा है।  

बदल रहा है धरा पर मानव, 
बदलने लिबास समय जा रहा है,  
क्षमाशीलता की ईख सृष्टि के, 
 हाथों में थमा परखता इंसां को जा रहा है। 

 ©अनीता सैनी 

14 टिप्‍पणियां:

  1. नववर्ष की असीम शुभकामनाएँ प्रिय अनु।
    लेखनी से सुंदर और अमूल्य रचनाएँ निसृत होती रहे सदैव यही कामना है।

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    1. सादर आभार प्रिय श्वेता दी आपको भी ढेरों शुभकामनाएँ.
      आपका स्नेह आशीष यों ही बना रहे.
      सादर सस्नेह

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  2. दिन, सप्ताह, महीने और वर्ष,
    आग़ोश में समेटे वह जा रहा है,
    शिकवा न शिकायत,
    जख़्म अनगिनत लिये जा रहा है |
    नये साल की बहुत बहुत सुभकामनाये |

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  3. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 2.1.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3568 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी ।

    धन्यवाद

    दिलबागसिंह विर्क

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    उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय चर्चामंच पर मेरी रचना को स्थान देने के लिये.
      सादर

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  4. समय को वर्ष रूपी लिबास मानवीय कृत्रिमता की करामात है. चंद शब्दों आते-जाते साल के स्वरुप की व्याख्या सुंदर कल्पनाशीलता और कटु यथार्थ के मिश्रण से असरदार बन पड़ी है. हृदयग्राही सृजन में भाव गाम्भीर्य की प्रमुखता वाचक को पुनि-पुनि वाचन के लिये प्रेरित करती है.

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    1. सादर आभार आदरणीय सुन्दर और सारगर्भित समीक्षा हेतु.
      सुप्रभात
      सादर

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  5. सुंदर सार्थक अभिव्यक्ति ,जाने वाला कुछ लेकर कुछ देकर जा रहा है साथ ही जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ाता जा रहा है , देखें हमारे हाथ है करता आखिर।
    सुंदर प्रस्तुति।

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    1. सादर आभार आदरणीया कुसुम दीदी जी सुन्दर और सारगर्भित समीक्षा हेतु. अपना स्नेह यों ही बनाये रखे.
      सादर

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  6. आदरणीया, नव वर्ष की असीम, अनंत, अशेष शुभकामनाएँ!
    कृपया मेरे ब्लॉग पर नव वर्ष की शुभकामनाओं भरा सन्देश अवश्य पढ़ें। मेरे यूट्यूब चैनल marmagya net पर मेरी कविता मेरी आवाज में अवश्य सुनें, चैनल को सब्सक्राइब करें और अपने विचार अवश्य दें। आपके विचार मेरे लिए बहुमूल्य हैं।
    Link: https://youtu.be/vg2QltoOXdY
    ब्रजेंद्रनाथ

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    1. नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ आदरणीय.सादर आभार सुन्दर और सारगर्भित समीक्षा हेतु.
      सादर

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