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मंगलवार, फ़रवरी 4

हाइकु



1.
शीतलहर~
फटे पल्लू से मुख
निकाले शिशु।

2.
संध्या लालिमा~
ग्वाले की बांसुरी से
गूंजी गौशाला।

3.
कुहासा भोर -
पिता संग खेत में 
खींचती हल |

4.
रक्तिम साँझ~
पगडंडी निहारे
बुजुर्ग माता।

5.
वन में ठूँठ~
बरगद के नीचे
लकड़हारा।

6.
रक्तिम साँझ~
पगडंडी निहारे
बुजुर्ग माता।

7.
पूस की रात~
खलिहान पहुँचा
वृद्ध किसान |

8.
संध्या लालिमा ~
अहीर की गोद में 
नन्हा बछड़ा |

9.
मेघ गर्जन~
वृद्ध लिए हाथ में
फूस गट्ठर।

10
निर्जन गली ~
जर्ज़र हवेली से 
पायल ध्वनी |

1.
अर्द्ध यामिनी~
जुगनू की आभा से
चमके धरा । 

2.
रुदन स्वर~
पति की फोटो पास
बैठी विधवा । 

3.
ज्येष्ठ मध्याह्न~
खेत मध्य ठूंठ पे
किशोरी शव।

4.
कुहासा भोर~
चूल्हा लीपे माटी से
रसोई में माँ।

5.
शीतल नीर ~
वृक्ष की छाँव तले
हिरण झुण्ड । 

6.
चौथ का चाँद ~
  हाथ में पूजा थाल
नवल वधू । 

7.
उत्तरायण ~
माँझे में उलझें है
पक्षी के पँजे । 

8.
उत्तरायण ~
पक्षियों के पँजे से
 लहू की बूँदें । 

9.
कुहासा भोर ~
सैनिक वेश धरे
नन्हें बालक।

10.
पूस की रात~
खलिहान में जागे
वृद्ध किसान । 

11.
रात्रि प्रहर~
सूनी राह तकती
द्वार पे वृद्धा । 

12.
मेघ गर्जन  ~
दीपक की लौ बीच
पतंगा शव । 

13
ठण्डी बयार ~
अमिया डाल पर
झूलती गोरी । 

14.
ठण्डी बयार ~
चौपाल के बीच में
हुक्के का धुँआ । 

15.
 संध्या लालिमा ~
गाय झुण्ड में गूँजा
घंटी का स्वर । 

16
 संध्या लालिमा ~
ग्वाले की गोद में
नन्हा बछड़ा 

17
 पौष मध्याह्न~
मंगौड़ा की सुगंध
पाकशाला से। 

18.
कुहासा भोर -
मयूर नृत्य देखे 
नन्हीं बालिका। 

19.
सघन वन-
लपटों के बीच में
कंगारू दल।

20.
कुहासा भोर~
पतंग-मांझा संग
छत पे बच्चे। 

21.
जेठ मध्याह्न~
गन्ना गट्ठर लादे
पीठ पे नारी। 

22.
मिट्टी की गंध ~
हल्की बरसात में 
छलका आँसू। 

© अनीता सैनी 

10 टिप्‍पणियां:

  1. वाह बेहतरीन हाइकु सखी

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  2. वाह!!!!
    बहुत ही सुन्दर हायकू अनीता जी !
    नयी विधा सीखने के लिए बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सस्नेह आभार आदरणीया दीदी उत्साहवर्धक समीक्षा हेतु.
      सादर

      हटाएं
  3. बेहतरीन और लाजवाब हाइकु । एक और नई विधा में अनीता जी की लेखनी का जादू देखने ंऔर पढ़ने का अवसर मिला ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सादर आभार आदरणीया मीना दीदी सुन्दर समीक्षा हेतु.
      सादर स्नेह

      हटाएं
  4. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (05-02-2020) को    "आया ऋतुराज बसंत"   (चर्चा अंक - 3602)    पर भी होगी। 
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
     --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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    उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय चर्चामंच पर स्थान देने हेतु.
      सादर

      हटाएं
  5. वाह बहुत शानदार हाइकु प्रिय अनीता जी ।
    नई विधा पर लाजवाब सृजन।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सादर आभार आदरणीया कुसुम दीदी जी सुन्दर समीक्षा हेतु.
      सादर स्नेह

      हटाएं