Powered By Blogger

बुधवार, जुलाई 15

गूँगे-बहरों की दुनिया


दुःख  हो या सुख 
दोनों ही इस दौर में अकेले हैं।  
रोए तो स्वयं को 
सुनाने के लिए की दर्द भी है दर्द। 
हँसे भी तो स्वयं को
 बहलाने के लिए कि ख़ुशी भी है ख़ुशी। 

गधे हों या घोड़े 
 दोनों ही अस्तबल के मालिक हैं। 
दोनों एक ही दाम पर बिकते
 ख़रीद-फ़रोख़्त भी है जारी। 
ख़रीदार को सिर्फ़ और सिर्फ़  
संख्या का ख़्याल है रखना। 

 गूँगे-बहरों की दुनिया में 
 चिल्लाने का अभिनय है जारी।  
कुछ की बिख़रती मेहनत डोली 
दर्द उनका छलक पड़ा। 
 अपनी आवाज़ पहचानी उन्होंने ने 
कदाचित वह भी झिझक गए  
झिझकना ही गूँगापन है उनका। 

©अनीता सैनी 'दीप्ति'

14 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 15 जुलाई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक चर्चा मंच पर <a href="http://charchamanch.blogspot.com/2020/07/3764.html”> चर्चा - 3743 </a> में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी|
    धन्यवाद
    दिलबागसिंह विर्क

    जवाब देंहटाएं
  3. गूँगे-बहरों की दुनिया में
    चिल्लाने का अभिनय था जारी।
    बहुत बढ़िया

    जवाब देंहटाएं
  4. गूँगे-बहरों की दुनिया में
    चिल्लाने का अभिनय है जारी।
    कुछ की बिख़रती मेहनत डोली
    दर्द उनका छलक पड़ा।
    अपनी आवाज़ पहचानी उन्होंने ने
    कदाचित वह भी झिझक गए
    झिझकना ही गूँगापन है उनका।

    आपकी रचनाओं में जीवन के दर्शन हो जाया करते हैं। लिखते रहें यूँ ही। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीया।

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह!!क्या बात है सखी 👌👌👌👌बेहतरीन 👌

    जवाब देंहटाएं
  6. गूँगे-बहरों की दुनिया में
    चिल्लाने का अभिनय है जारी।
    वाह !प्रिय अनीता। खूब पहचाना इस अभिनय को। आखिर एक कवि मन से वाए छुप जाए ऐसा नहीं हो सकता। सटीक रचना 👌👌👌🌹🌹💐💐

    जवाब देंहटाएं
  7. आदरणीय यशोदा दीदी,आदरणीय शास्त्री जी,आदरणीय दिलबाग सर,आदरणीया पम्मी दीदी,आदरणीय राकेश जी,आदरणीय जोशी जी सर,आदरणीय पुरुसोत्तम जी,आदरणीय सुभा दीदी,आदरणीय गगन शर्मा जी,आदरणीय रेणु दीदी मनोबल बढ़ाने हेतु तहे दिल से आभार आप सभी का.स्नेह आशीर्वाद बनाए रखे.
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत खूब , समसामयिक राजनीतिक उठापठक पर आपकी लेखनी ने अच्छी पकड़ बना ली है।

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत खूब , समसामयिक राजनीतिक उठापठक पर आपकी लेखनी ने अच्छी पकड़ बना ली है।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सादर आभार सुधा जी आपको मेरी लेखनी प्रभावितकर पाई .मनोबल बढ़ाने हेतु सादर आभार.

      हटाएं