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गुरुवार, नवंबर 19

बेटी बेल बाबुल आँगन की


जन्मदिवस एक विशिष्ट दिन जब शुभकामनाओं का अंबार लग जाता है।अपनी बिटिया के जन्मदिवस पर उसको समर्पित लोरी लिखकर मन को बड़ा सुकून मिला।
वरिष्ठ ब्लॉगर एवं जानी-मानी लेखिका, नवगीतकार 
आदरणीया कुसुम कोठारी जी ने इसे स्वर देकर अनूठा बना दिया है।
 आप भी सुनिए आदरणीया कुसुम दीदी की मधुर आवाज़ में इस प्यारी-सी लोरी को-


धींव बेल बाबुल अँगना की 
हिय धड़कन नैना बस जाए 
वैण मधुर तुलसी से पावन 
मन किसलय मधु रस छलकाए।।

पल्लव प्रीत सृजक धरणी-सी
चपल चंद्रिका आँगन चमके
कच्ची नींद  स्वप्न नैनन का 
मुखड़ा चंदा जैसा दमके
कुसुम कली-सी मंजुल मोहक
सुता तात बग़िया महकाए ‌।।

भाल तिलक रोली-सी सजती
होंठों की है वो स्मित-रेखा
नाज़ुक धागा बँधन स्नेह का 
मुक्ता जैसी जीवन लेखा
अमूल्य रत्न दुआ बन बरसे
प्रेम-पंथ दूर्वा लहलाए।।

उजली किरण भोर की बेला
अंतस उजियारा जुगनू-सी
आभा बन बिखरी जीवन में 
जगी आस झलकी टेसू-सी 
अल्पना देहरी पर रचती
ज्यों साँझ दीपक झिलमिलाए।।

@अनीता सैनी 'दीप्ति'

28 टिप्‍पणियां:

  1. सादर नमस्कार,
    आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 20-11-2020) को "चलना हमारा काम है" (चर्चा अंक- 3891) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित है।

    "मीना भारद्वाज"

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    1. सादर आभार आदरणीय दी चर्चा मंच पर स्थान देने हेतु।
      सादर

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  2. ममता और वात्सल्य से भरे अप्रतिम उद्गार।
    प्रिय साक्षी जन्म दिवस पर शुभाशीष शुभकामनाएं।🌹🌷🌹

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    1. आभारी हूँ प्रिय कुसुम दी।स्नेह आशीर्वाद बनाए रखे।
      बिटिया के लिए आपका आशीर्वाद अनमोल है।
      सादर

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  3. ममत्व और वात्सल्य के भावों की अनुपम अभिव्यक्ति.बिटिया के जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई अनीता💐 गुड़िया को स्नेहाशीष व अनन्त शुभकामनाएं 💐💐

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    1. आभारी हूँ आदरणीया मीना दी।बेटी को आपकी मंगलमय आशीष मिली अत्यंत हर्ष हुआ। आशीर्वाद बनाए रखे।
      सादर

      हटाएं
  4. उजली किरण भोर की बेला
    अंतस उजियारा जुगनू-सी
    आभा बन बिखरी जीवन में
    जगी आस झलकी टेसू-सी
    अल्पना देहरी पर रचती
    ज्यों साँझ दीपक झिलमिलाए।।...बेटी के प्रति प्रेम और ममता का बहुत ही सुंदर वर्णन..।बेटीरानी को जन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ..।

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    1. आभारी आदरणीया जिज्ञासा जी बेटी को मिली आपकी अनमोल आशीष हेतु।
      सादर

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  5. हृदयस्पर्शी...
    बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना...🙏

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    1. आभारी हुँ आदरणीया शरद सिंह जी।
      सादर

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  6. धींव बेल बाबुल अँगना की
    हिय धड़कन नैना बस जाए
    वैण मधुर तुलसी-सी पावन
    मन किसलय मधु रस छलकाए।।
    माँ का अपनी बेटी के लिए बहुत ही सुन्दर कोमल प्रस्फुटन। लाजवाब बन उभरी हैं पंक्तियों।
    आपकी बेटी, बिल्कुल आपकी प्रतिकृति सी लगती है। समस्त शुभकामनाएं व आशीष।

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    उत्तर
    1. सादर आभार आदरणीय सर सारगर्भित प्रतिक्रिया से रचना को परवाह मिला।मगलमय आशीष हेतु आभारी हूँ।
      सादर

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  7. यथारीति अनुपम रचना - - नमन सह।

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया सर मनोबल बढ़ाने हेतु।

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  8. बहुत सुन्दर रचना
    गुड्डू को बहुत प्यार
    जन्मदिन की हार्दिक सुभकामनाये |

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  9. वाह ! आशीर्वाद और ममता में पगी मीठे लोरी !
    वीडियो नहीं देख पा रहे हैं.

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    उत्तर
    1. आभारी हूँ आदरणीय सर बिटिया को आपका आशीर्वाद मिला।
      सादर

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  10. बेटियों को बेल और दूब की उपमा देकर गहन भाव-विचारों से अभिव्यक्ति को गढ़ा है। सुंदर सृजन जिसमें बेटियों के प्रति स्नेह और अपनत्त्व के साथ पाठक को संवेदनशील होने के लिए प्रभावी शब्दावली का यथोचित प्रयोग चित्ताकर्षक है।बेटियों के प्रति आम नागरिक का नजरिया सकारातमक बनाने में एक प्रयास की भाँति सामयिक हस्तक्षेप है आपकी रचना।

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    उत्तर
    1. बिटिया को मिला आपका आशीर्वाद अनमोल है सर।सुंदर सारगर्भित प्रतिक्रिया हेतु सादर आभार।
      सादर

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  11. धींव बेल बाबुल अँगना की हिय धड़कन नैना बस जाए वैण मधुर तुलसी से पावन मन किसलय मधु रस छलकाए।। वाह क्या कोमल कान्त शब्दावली है | सच बहुत सुन्दर रचना है |

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    1. आभारी हूँ सर सारगर्भित प्रतिक्रिया हेतु।मनोबल बढ़ाने हेतु सादर आभार।

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