मेहनत कहे मज़दूर से साँचा सुख बटोरा, 
तन का सुख न देख बंदे मन मेहनत संग खिल जाये
तन का सुख न देख बंदे मन मेहनत संग खिल जाये
 क्यों रोये ?क्यों बौराये, ख़ुशियाँ उपजे आँगन तेरे, 
देख ! दौड़ा चक्र समय का, मेहनत बन फूल जीवन तेरा महकाये,  
कर्म ने दिया थपेड़ा ,मेहनत  तेरी  हथौड़ा, 
थाम हाथ मेहनत का, जीवन ख़ुशबू बन खिल जाये, 
कर्म  दौड़ेगा   राह में तेरे  , संघर्ष  से  हाथ मिला,  
सोना बन चमकेगा सब मीत बन सीने से तुझे लगाये |
- अनीता सैनी 


 
 
श्रमिकों के सम्मान में सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंश्रमिकों के सम्मान में सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसकारात्मकता का संदेश देती सुंदर रचना।
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